I drink the night in cups of delicate china. Eyes swell up to the brim as dreams overflow. There's a thorn that tickles like cactus. A drought creeps in like an impish grin with the fragrance of jasmine. I think I'll take to bed now. Time to retire.
में रात पी गई चाँद के प्यालों में। आँखें लबरेज़ है ख्वाबों के सितारों से । एक कांटा फिर भी चुभता है शरीर सी देह के गलियों में। एक झोंका सा दबे पाओं आता है जूही की खुशबू लपेटे । अब नींद कहे सो जाओ। अलविदा ।
में रात पी गई चाँद के प्यालों में। आँखें लबरेज़ है ख्वाबों के सितारों से । एक कांटा फिर भी चुभता है शरीर सी देह के गलियों में। एक झोंका सा दबे पाओं आता है जूही की खुशबू लपेटे । अब नींद कहे सो जाओ। अलविदा ।
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